सफेद मूसली के लाभ - An Overview
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यदि आप जल्दी थक जाते है या आप शारीरिक रूप से कमजोरी का अनुभव करते है तो इसका इलाज सफेद मूसली के रूप में किया जा सकता है। यह आपकी थकान और कमजोरी को दूर करने में आपकी मदद कर सकती है। इसके लिए आप सफेद मूसली के पाउडर और चीनी को दूध के साथ मिलाकर सेवन करें। यह आपमें नई ऊर्जा का संचार करने में मदद करेगी। (और पढ़े – कमजोरी और थकान के कारण, लक्षण और इलाज)
इसके १ से २ कैप्सूल को भी दिन में दो बार खा सकते है।
क्या आपने सफ़ेद मूसली का नाम सुना हैंं? उपन्यास गुणों के कारण इसे धीरे-धीरे स्वास्थ्य खाद्य पूरक के रूप में स्वीकार किया जा रहा हैं। मुसली या कोलोरोफाइटम बोरिविलियनम की पत्तियों का उपयोग खाना पकाने के लिए भी किया जाता हैं।
इस सब्जी को लेने के बाद कई मामलों में एलर्जी संबंधी प्रतिक्रियाएं दर्ज की गई हैं। सबसे आम एलर्जी प्रतिक्रियाओं में शामिल हैं: आँख की सूजन
इसके १ से २ कैप्सूल का भी दिन में दो बार सेवन किया जा सकता है।
बहुत से लोगों को मूत्र संबंधी समस्याएं होती है जैसे : पेशाब करने के दौरान दर्द होना। इस समस्या में मूसली जड़ के चूर्ण की १ से २ ग्राम की मात्रा का सेवन करना फायदेमंद है।
– ये बहुत सामान्य है कि जरूरत से अधिक किसी भी चीज का सेवन करने से उसके नुकसान देखने को मिल सकते हैं। इस वजह से सफेद मूसली का भी अधिक मात्रा में सेवन करने से आपको इसके कुछ नुकसान देखने को मिल सकते हैं। इसके अधिक सेवन से आपको पेट और आंतों से संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जैसे कब्ज, एसिडिटी आदि।
मूसली की बिजाई हेतु प्रयुक्त here होने वाला बीज अथवा प्लांटिंग मटेरियल
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भारत जैसे देश में बांझपन औरत या पुरुष के लिए किसी श्राप से कम नहीं है। इस वजह से सफेद मूसली का इस्तेमाल इस समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। सफेद मूसली का सेवन करने से बांझपन या फिर यौन विकार जैसी समस्याएं जड़ से खत्म हो जाती हैं और गर्भ धारण करने में मदद मिलती है।
पेशाब की जलन को शांत करने के लिए सफेद मूसली की जड़ का प्रयोग किया जाता है। इसकी जड़ को पीस लें और इलायची के साथ दूध में उबाले इस दूध को पिएं।
सफेद मूसली पाउडर आधा चम्मच ले। उसे गुनगुने दूध के साथ दिन में दो बार भोजन के पश्चात् ले। स्वप्नदोष के बाद जो कमजोरी होती है वह इससे दूर हो जाती है।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए सफेद मूसली का उपयोग ऐसे करें!
जिन्हें गठिया की परेशानी है उन्हें इसके चूर्ण का सेवन करना चाहिए और सफेद मूसली का कंद लगाना चाहिए।